30 नवंबर 2024
शुभ मुहूर्त सुबह के
10:29 बजे से लेकर
अगले दिन 1 दिसम्बर को
11:50 तक
यह दिन पितरों को तर्पण और श्राद्ध करने के लिए विशेष माना जाता है। इस दिन पूजा-पाठ करने से पितृ दोष समाप्त होता है।
दर्श अमावस्या के दिन पितरों का ध्यान करते हुए पीपल के पेड़ पर गंगाजल अर्पित करें।
दर्श अमावस्या की पूजा विधि की पूजा विधि शेष जानकारी
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